” वरदान माँगूँगा नहीं “

यह  हार  एक  विराम  है जीवन  महासंग्राम  है तिल– तिल  मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं  ! वरदान  माँगूँगा  नहीं  !!   स्मृति …

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” ओ गगन के जगमगाते दीप “

दीन  जीवन  के  दुलारे खो  गए  जो  स्वप्न  सारे ला सकोगे क्या उन्हें फिर खोज हृदय समीप   ! यदि  न  मेरे  स्वप्न  पाते क्यों  नहीं …

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” जिंदगानी का कोई मक़सद नहीं है “

जिंदगानी  का  कोई  मक़सद  नहीं  है  , एक  भी क़द  आज  आदमक़द्   नहीं  है  !   राम  जाने  किस  जगह  होंगे  कबूतर  , इस  इमारत …

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