” तुम जो थे.. “

तुम  जो  थे

तो  थी  धूप  ,  तो  थी  चांदनी

तो  था  एक  नीला  आकाश  ,

तो  था  एक  अपार   सागर

कई  खुशियों  की  बूंदों  वाला

और  उसमें  एक  छोटी  सी— नाव  ,

और  एक  लालटेन  और  शांति

शांति  हृदय  की  ,  शांति  आत्मा  की

फिर  चारों  ओर  काले   बादल

और  एक  गहरा  अंधकार  ,

एक अक्षेद्य   अंधकार

और  हमारी  नाव  , उस  अंधकार  ,

उस  तूफान  में  तैरती  हुई…..!!

( संकलित  )

 

——-  राम कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *