हमने डाले बीज प्यार के , उसने काँटे बोये, उन काँटों से लिपट लिपट कर हम रात रात भर रोये दुनिया भर के दर्दों का …
View More ” काँटे सहते सहते हम गुलाब हो गये “Category: साहित्य
” व्याकुल चाह “
सोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आये हो ? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास बुझाने आये हो ?? रहने दो रहने दो,…
View More ” व्याकुल चाह “हमारे दुखों की जड़ हैं आप।
: मजदूर दिवस पर विशेष : हमारे दुखों की जड़ हैं आप। ……………………………. भाई बात कहते हैं साफ। आज भी हमारे दुखों की जड़ हैं…
View More हमारे दुखों की जड़ हैं आप।” यह पपीहे की रटन है “
यह पपीहे की रटन है! बादलों की घिर घटायें, भूमि की लेती बलाएँ , खोल दिल देती दुआएँ– देख किस उर में जलन है यह …
View More ” यह पपीहे की रटन है “सुनो ध्यान से बेटियाँ
//सुनो ध्यान से बेटियाँ// विकसित होता देश है, फिर भी छोटी सोच। हाथ बढ़ा धन माँगते, करे नहीं संकोच।। इर्द गिर्द हैं घूमते, जैसे उड़ते…
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