” काँटे सहते सहते हम गुलाब हो गये “

हमने  डाले  बीज  प्यार  के  ,  उसने  काँटे  बोये, उन  काँटों से  लिपट लिपट  कर  हम  रात  रात  भर  रोये दुनिया  भर  के  दर्दों  का …

View More ” काँटे सहते सहते हम गुलाब हो गये “

हमारे दुखों की जड़ हैं आप। 

: मजदूर दिवस पर विशेष : हमारे दुखों की जड़ हैं आप। ……………………………. भाई बात कहते हैं साफ। आज भी हमारे दुखों की जड़ हैं…

View More हमारे दुखों की जड़ हैं आप। 

सुनो ध्यान से बेटियाँ

//सुनो ध्यान से बेटियाँ// विकसित होता देश है, फिर भी छोटी सोच। हाथ बढ़ा धन माँगते, करे नहीं संकोच।। इर्द गिर्द हैं घूमते, जैसे उड़ते…

View More सुनो ध्यान से बेटियाँ