” तलाश करो “

अच्छे  से  अच्छे  की  तलाश  करो  ,

मिल  जाए  गर  नदी  तो

समुंदर  की  तलाश   करो  ,

टूट   जाते   हैं   शीशे  ,

पत्थरों  की   चोट   से  ,

तोड़  सके  पत्थर  को  ,

ऐसे   शीशे   की   तलाश   करो   !!

——-  प्रसिद्ध  गीतकार  गुलज़ार

( संकलित  )

 

———  राम  कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !

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