” ऐसी कोई लहर नहीं जो गिरती- उठती न हो “

ऐसी कोई लहर नहीं जो गिरती उठती न हो तूफानों से उलझ सुलझकर आगे बढ़ती न हो ! कुछ लोग सो गए हैं रातों की…

View More ” ऐसी कोई लहर नहीं जो गिरती- उठती न हो “

” मत पूंछ इस जिंदगी में “

बेगाने होते लोग देखे अजनबी होता शहर देखा हर इंसान को यहाँ मैंने ख़ुद से ही बेखबर देखा ! रोते हुए नयन देखे मुस्कराता हुआ…

View More ” मत पूंछ इस जिंदगी में “

” दुःखी मन से कुछ भी न कहो “

व्यर्थ  उसे  है  ज्ञान  सिखाना व्यर्थ  उसे  दर्शन  समझाना उसके  दुख  से  दुखी नहीं हो, तो बस दूर  रहो   ! उसके  नयनों  का  जल  खारा…

View More ” दुःखी मन से कुछ भी न कहो “