बहने दो ना…
ये जो कुछ कहना चाहते हैं
इन्हें कहने दो ना…
क्यूँ छिपा के रखा है इन्हें ख़ुद से ही ,
अपने ही तो हैं ,
इन्हें ख़ुद से मिलने दो ना …..
जो होना ही था
वो हो गया ना …
बस बहुत हो गई ये घुटन
अब इन आँखों को रो लेने दो ना !!
——– राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !