जो तुम आ जाते एक बार कितनी करुणा कितने संदेश पथ में बिछ जाते बन पराग गाता प्राणों का तार तार अनुराग भरा उन्माद राग…
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“सागरिका “
सागर के उर पर नाच— नाच , करती हैं लहरें मधुर गान ! जगती के मन को खींच— खींच निज छवि के रस से सींच–…
View More “सागरिका “” कोई अर्थ नहीं “
नित जीवन के संघर्षों से , जब टूट चुका हो अंतर मन ! तब सुख के मिले समंदर का , रह जाता कोई अर्थ नहीं …
View More ” कोई अर्थ नहीं “” मैं हूँ बंसुरिया गोपाल की “
धीरे उठाओ मेरी पालकी मैं हूँ सुहागिन गोपाल की बेला है फूलों के माल की फूलों के माल की ….. धीरे उठाओ मेरी पालकी !…
View More ” मैं हूँ बंसुरिया गोपाल की “” यकीन चाँद पे सूरज में ऐतबार भी रख “
यकीन चाँद पे सूरज में ऐतबार भी रख मग़र निगाह में थोड़ा सा इंतिजार भी रख ! ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे …
View More ” यकीन चाँद पे सूरज में ऐतबार भी रख “” मेरी भी आभा है इसमें….. “
नये गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है मेरी भी आभा है इसमें भीनी– भीनी …
View More ” मेरी भी आभा है इसमें….. ““मुस्कुराने के लिए “
मसखरा मशहूर है , आँसू बहाने के लिए , बांटता है वो हंसी , सारे ज़माने के लिए ! घाव सबको मत दिखाओ, लोग छिड़केंगे …
View More “मुस्कुराने के लिए “” छठ पूजा “
सूर्य की पूजा है…….. छठ पूजा , यह आस्था विश्वास का है नाम दूजा ! यह है प्रकृति की पूजा , नदी , चंद्रमा …
View More ” छठ पूजा “” सर्जना के क्षण “
एक क्षण भर और रहने दो मुझे अभि भूत , फिर जहाँ मैंने संजोकर और भी सब रखी हैं ज्योति : शिखायें, वहीं …
View More ” सर्जना के क्षण “” तुम आती हो… “
तुम आती हो नव अंगों का शाश्वत मधु—- विभव लुटाती हो तुम आती हो ! बजते निःस्वर नूपुर छम— छम , साँसों में …
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