” वाह रे पैसा, तेरे कितने नाम “

मन्दिर में दिया जाए तो        —-          चढ़ावा

स्कूल में दिया जाए तो         —-            फीस

शादी में मांगने पर दिया जाए      —–        दहेज

पत्नी को तलाक़ देने पर             ——       गुज़ारा भत्ता

किसी को उधार देने पर       ——–          कर्ज़

अदालत   में                    ———-      जुर्माना

सरकार  लेती  है  तो        ———-        टैक्स

रिटायरमेंट  होने  पर      ———–          पेंशन

अपहरण करने वालों के लिए  ——–      फिरौती

होटल में सेवा के लिए    ———-           टिप

बैंक से उधार लो तो   ————–           ऋण

श्रमिकों के लिए     ————–            वेतन

मातहत कर्मियों के लिए  ———-     मज़दूरी

अवैध रूप से प्राप्त सेवा  ———–        रिश्वत

निःस्वार्थ गरीबों को देने पर ———–     दान

खुशी से  देने  पर       ———–         गिफ्ट

आदि  आदि  ——

 

———–  राम कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार  ,  पुणे   !

 

 

 

 

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