लल्ला छींका , लल्ली छींकी, छींके बल्ला कल्ला ! छींक रहा था सारा ही घर , हुआ गली में हल्ला ! सुनकर हल्ला , मोहन …
View More ” छींक ” ( बच्चों के लिए )Category: Uncategorized
” जीभ और दाँत “
कंफ्यूशियस् के जीवन के अन्तिम दिन अनेक शिष्य उनके दर्शन करने पहुँचे ! उन्होंने अपने प्रिय शिष्य को अपने पास बुलाया तथा मुँह खोलकर दिखाते…
View More ” जीभ और दाँत “” धुंध कुहासा छटने दो “
ये धुंध कुहासा छंटने दो रातों का राज्य सिमटने दो प्रकृति का रूप निखरने दो फागुन का रंग बिखरने दो, प्रकृति दुल्हन का रूप…
View More ” धुंध कुहासा छटने दो “” ओ गगन के जगमगाते दीप “
ओ गगन के जगमगाते दीप दीन जीवन के दुलारे खो गये जो स्वप्न सारे , ला सकोगे क्या उन्हें फिर खोज हृदय समीप ? …
View More ” ओ गगन के जगमगाते दीप “” सार्थकता “
मेरा जीवन उद्देश्य पूर्ण खुशियों से है आनंद पूर्ण ! गीत खुशी के गाते जाओ सबको गले लगाते जाओ हर दिन की हो…
View More ” सार्थकता “” उड़ान से भी गया “
ज़मीन पे चल न सका , आसमान से भी गया ! कटा के पर वो परिंदा , उड़ान से भी गया !! तबाह कर …
View More ” उड़ान से भी गया “” ज़िंदगी बदल जायेगी “
सकारात्मक सोचिये आपकी ज़िंदगी बदल जायेगी ! जीवन अंधकार में है थोड़ी सी रोशनी मिल जायेगी ! उस रोशनी में एक नई राह नज़र …
View More ” ज़िंदगी बदल जायेगी “” गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार होली में “
गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार होली में बुझे दिल की लगी भी तो ऐ यार होली में ! नहीं ये है गुलाले —…
View More ” गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार होली में “” अपने रँग में रँग लो तो होली है “
तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है ! देखी मैंने बहुत दिनों तक, दुनिया की रंगीनी, किन्तु रही कोरी की कोरी, मेरी चादर…
View More ” अपने रँग में रँग लो तो होली है “” गज़ल “
वक़्त ने आसमां जमीं पर उतार डाला है , एक दिये ने अंधेरों को मार डाला है ! मग़रूर मत हो समंदर , अपने वज़ूद …
View More ” गज़ल “