प्रबल झंझावत में तू , बन अचल हिमवान रे मन ! हो बनी गंभीर रजनी , सूझती हो न अवनी , ढल न अस्ताचल अतल…
View More ” रे मन “Category: Uncategorized
” चलते समय “
तुम मुझे पूँछते हो, जाऊँ ? मैं क्या जवाब दूँ , तुम्हीं कहो ! ” जा.. कहते रुकती है जबान, किस मुँह सी तुमसे कहूँ…
View More ” चलते समय “” दीप अभी जलने दे भाई “
निद्रा की मादक मदिरा पी, सुख स्वप्नों में बहलाकर जी, रात्रि– गोद में जग सोया है, पलक न मेरी लग पाई, दीप अभी जलने दे…
View More ” दीप अभी जलने दे भाई “स्वेक्षिक रक्तदान शिविर का आयोजन संपन्न।
*स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर उत्सव ट्रस्ट द्वारा जिले के तीन स्थानों पर किया गया स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन।* *सी०आई०एस०एफ० रिहन्द हाइड्रो पावर…
View More स्वेक्षिक रक्तदान शिविर का आयोजन संपन्न।” मुझे अपना लो “
मेरे नाथ, मुझे अपना लो अपना लो इस बार ! अबकी मत लौटो , बस जाओ , उर पर कर अधिकार ! बिना तुम्हारे बीते…
View More ” मुझे अपना लो “” कौन तुम वीणा बजाते हो ? “
कौन तुम वीणा बजाते ? कौन उर की तंत्रियों पर तुम अनश्वर गान गाते … सुन रहा है यह मन अचंचल प्रिय तुम्हारा स्वर मनोहर…
View More ” कौन तुम वीणा बजाते हो ? “” आओ स्वतंत्रता दिवस का मान करें “
चलो फिर से वो नज़ारा याद कर लें , शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर लें, जिसमें बहकर आज़ादी पहुंची थी…
View More ” आओ स्वतंत्रता दिवस का मान करें “” चराग़ खुद ही बुझाया बुझा के छोड़ दिया “
चराग़ ख़ुद ही बुझाया बुझा के छोड़ दिया , वो गैर था उसे अपना बना के छोड़ दिया ! हज़ार चेहरे हैं मौजूद आदमी गायब…
View More ” चराग़ खुद ही बुझाया बुझा के छोड़ दिया “” गर्मी की रातों में “
गर्मी की रातों में जैसे रहता है पूर्णिमा का चाँद तुम मेरे हृदय की शांति में निवास करोगी आश्चर्य में डूबे मुझ पर तुम्हारी उदास…
View More ” गर्मी की रातों में “” इश्क़ “
कहर के तमाम मोहरों के बीच , मैं इश्क़ का दाँव लाया हूँ ! लाखों के सौदे वाली चीज , महज़ कुछ पैसों के भाव…
View More ” इश्क़ “