दिन जल्दी — जल्दी ढलता है ! हो जाए न पथ में रात कहीं , मंज़िल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका …
View More ” निशा निमंत्रण “Category: Uncategorized
” हम खुश कैसे रहें …”
जिंदगी में ऐसे कई पल आते हैं, जब हम अपने आपको अकेला महसूस करते हैं ! ऐसे समय में अपने आपको खुश रखना सबसे ज्यादा…
View More ” हम खुश कैसे रहें …”” दिन पर दिन चले गए… “
दिन पर दिन चले गए पथ के किनारे गीतों पर गीत अरे रहता पसारे बीतती नहीं बेला सुर मैं उठाता जोड़— जोड़ सपनों से उनको …
View More ” दिन पर दिन चले गए… “” बिखरे मोती “
1—– हृदय , की कोमलता के बराबर कोई आकर्षण नहीं है ! ——- जेन आस्टेन 2——– लड़खड़ाना अक्सर गिरना नहीं…
View More ” बिखरे मोती “” मधुशाला “
प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं तेरा प्यासा प्याला , अपने को मुझमें भरकर तू बनता है पीनेवाला , मैं तुझको छक छलका करता ,मस्त …
View More ” मधुशाला “” मुड़ कर नहीं देखा “
फिर उसने मुड़ कर नहीं देखा, जब उसको पता चल गया ! सबके मंतव्य का , इरादे का , जो कलुषित थे कोयले से भी …
View More ” मुड़ कर नहीं देखा “” भूल जा जो भी बीता “
बीता हर गम मर चुका , मत ढो उसकी लाश ! वर्तमान में जिये जा , छू लेगा आकाश ! छू लेगा आकाश …
View More ” भूल जा जो भी बीता “” खुलासा देखिये “
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ खुलासा देखिये आप भी इस भीड़ में घुसकर तमाशा देखिये ! जो बदल सकती है इस पुलिया…
View More ” खुलासा देखिये “” हाँ हुज़ूर मैं चिल्लाता हूँ “
हाँ, हुज़ूर मैं चीख रहा हूँ, हाँ हुज़ूर मैं चिल्लाता हूँ क्यों कि हमेशा मैं भूखी अंतड़ियों की पीड़ा गाता हूँ मेरा कोई गीत…
View More ” हाँ हुज़ूर मैं चिल्लाता हूँ “” पर्वत कहता…”
पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊँचे बन जाओ ! सागर कहता है लहराकर मन में गहराई लाओ ! समझ रहे हो क्या कहती …
View More ” पर्वत कहता…”