1—— स्त्री का सप्रेम आग्रह पुरुष से क्या नहीं करा सकता !! ——– मुंशी प्रेमचंद 2——— समझदारी आने पर यौवन चला जाता है …
View More ” अनमोल मोती “Category: Uncategorized
” हो गई है पीर पर्वत– सी पिघलनी चाहिए “
हो गई है पीर पर्वत– सी पिघलनी चाहिए , इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए ! आज यह दीवार , परदों की तरह …
View More ” हो गई है पीर पर्वत– सी पिघलनी चाहिए “” मौन “
बैठ लें कुछ देर, आओ , एक पथ के पथिक– से प्रिय, अंत और अनंत के , तम— गहन— जीवन घेर ! मौन मधु हो …
View More ” मौन “” ऊधौ मन न भयो दस बीस “
ऊधौ मन न भयो दस बीस ! एक हुतो सो गयो श्याम संग, को अवराधै ईस ! इंद्री शिथिल भई केशव बिनु, ज्यौ देही बिनु…
View More ” ऊधौ मन न भयो दस बीस ““स्वप्न हुआ साकार “
स्वप्न हुआ साकार राष्टृ संघ के मंच से हिंदी की जयकार हिंदी की जयकार हिन्दी हिन्दी में बोला देश स्वभाषा प्रेम विश्व अचरज में …
View More “स्वप्न हुआ साकार “” ख़ुद को सज़ा देता हूँ “
रहकर खामोश ख़ुद को सज़ा देता हूँ बेहद गुस्से में तो बस मुस्करा देता हूँ सब नाराज़ होकर क्यों जुदा हैं मुझसे कहते हैं …
View More ” ख़ुद को सज़ा देता हूँ “” साँप ! तुम सभ्य तो हुए नहीं “
साँप ! तुम सभ्य तो हुए नहीं नगर में बसना भी तुम्हें नहीं आया ! एक बात पूँछूँ— उत्तर दोगे ? तब कैसे सीखा डसना…
View More ” साँप ! तुम सभ्य तो हुए नहीं “” जो शिलाएँ तोड़ते हैं “
जिंदगी को वह गढ़ेंगे जो शिलाएँ तोड़ते हैं जो भगीरथ नीर की निर्भय शिराएँ मोड़ते हैं ! यज्ञ को इस शक्ति– श्रम के श्रेष्ठतम…
View More ” जो शिलाएँ तोड़ते हैं “” सच्चे सुख का अर्थ “
आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं, तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर…
View More ” सच्चे सुख का अर्थ “” बच्चे “
माँओं के सच्चे मददगार हैं , सब्ज़ी और आइसक्रीम वालों के पक्के संगतकार मौसमों के मासूम संवदिये बारिश आती है तो वे बूंदों से …
View More ” बच्चे “