रावण को अधर्म और बुराइयों का प्रतीक माना जाता है ! रावण जन्म से ब्राह्मण था और सभी शास्त्रों का जानकार था ! ज्योतिष और…
View More ” रावण से भी सीखें कि कौन से काम हमें नहीं करने चाहिए “Category: Uncategorized
” बहुत बड़े लोग “
एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत में अधिकतर लोग अगर किसी रेस्टोरेंट में कुछ खाने जाते हैं, तो खुद को वहाँ…
View More ” बहुत बड़े लोग “” जिसकी नीयत में खोट नहीं, उसका भाग्य भी साथ देता है “
एक बार आचार्य विनोबा भावे अपने भूदान आंदोलन के दौरान गाँव की पाठशाला में ठहरे हुए थे ! दोपहर के समय कुछ शिक्षकों को नीयत…
View More ” जिसकी नीयत में खोट नहीं, उसका भाग्य भी साथ देता है “” वस्तुओं के आधार पर महानता नहीं आंकी जाती “
राजा भोज दिनभर की व्यस्तता के बाद गहरी नींद में सोये हुए थे ! स्वप्न में उन्हें एक दिव्य पुरुष के दर्शन हुए ! भोज…
View More ” वस्तुओं के आधार पर महानता नहीं आंकी जाती ““संत रविदास “
संत शिरोमणि रविदास के पास उनका एक प्रेमी जमींदार वेश बदलकर जूते सिलवाने गया ! जूते सिलवाकर उसने उनको सौ गुना कीमत अदा करनी चाही…
View More “संत रविदास “गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का मिला लाभ
गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का मिला लाभ सोनभद्र। नगर पंचायत रेणुकुट की अध्यक्षा बनने के बाद से लगातार जनहित की विभिन्न विकास योजनाओं को…
View More गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का मिला लाभप्रतिवर्ष भारत में 50 हजार बच्चे थैलेसिमा पीड़ित होते हैं पैदा: आशीष पाठक
प्रतिवर्ष भारत में 50 हजार बच्चे थैलेसिमा पीड़ित होते हैं पैदा: आशीष पाठक * थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों को दी गई चिकित्सकीय सलाह * शिविर में…
View More प्रतिवर्ष भारत में 50 हजार बच्चे थैलेसिमा पीड़ित होते हैं पैदा: आशीष पाठक” पत्थर का टुकड़े का “आज ” मेरे विश्वास का प्रतीक “
सेल्फ स्टार्ट के आविष्कारक चार्ल्स एफ. केटरिंग को अपनी खोज को पूरा करने के लिए ज़मीन, जेवर और मकान बेचकर एक झोपड़ी में रहना पड़ा …
View More ” पत्थर का टुकड़े का “आज ” मेरे विश्वास का प्रतीक “” किसी के द्वारा की गई अच्छाई को हमेशा याद रखना चाहिए “
दो दोस्त कहीं जा रहे थे ! रास्ते में उनमें किसी बात पर झगड़ा हो गया ! गर्मागर्मी में एक ने दूसरे को चांटा मार…
View More ” किसी के द्वारा की गई अच्छाई को हमेशा याद रखना चाहिए “” जहाँ सद्भाव होगा, वहाँ विश्वास भी होगा “
एक सेठ अत्यंत धर्मात्मा थे ! वह अपनी आय का बड़ा हिस्सा सेवा— परोपकार जैसे धार्मिक कार्यों में खर्च किया करते थे ! कई पीढ़ियों…
View More ” जहाँ सद्भाव होगा, वहाँ विश्वास भी होगा “