” फिर बसंत आना है “

तूफानी   लहरें   हों

अंबर   के   पहरे   हों

पुरवा   के   दामन   पर

दाग़   बहुत   गहरे   हों

सागर   के   मांझी

मत   मन  को   तू   हारना

जीवन   के   क्रम   में

जो   खोया   है  ,   पाना   है

पतझर   का   मतलब   है

फिर   बसंत   आना   है    !!

——    प्रसिद्ध कवि  कुमार  विश्वास

(  संकलित  )

 

——-  राम  कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !

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