Uncategorized ” फिर बसंत आना है “ YugVaibhav April 24, 2025 No Comments तूफानी लहरें हों अंबर के पहरे हों पुरवा के दामन पर दाग़ बहुत गहरे हों सागर के मांझी मत मन को तू हारना जीवन के क्रम में जो खोया है , पाना है पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है !! —— प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ( संकलित ) ——- राम कुमार दीक्षित , पत्रकार ! Post Views: 39