नदी बही , पवन चला
विजय तेरी , विजय तेरी
ज्योति सी जल , जला
भुजा— भुजा , फड़क– फड़क
रक्त में धड़क — धड़क
धनुष उठा , प्रहार कर
तू सबसे पहला वार कर
अग्नि सी धधक– धधक
हिरन सी सजग— सजग
सिंह सी दहाड़ कर
शंख सी पुकार कर
रुके न तू , थके न तू
झुके न तू , थमे न तू
सदा चले , थके न तू
रुके न तू , झुके न तू !!
——- प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन
( संकलित )
——— राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !