मौके की ना तलाश करो .
सपने बुनना सीख लो !
ख़ुद ही थाम लो पतवार ,
माझी का ना करो इंतज़ार ,
सपने बुनना सीख लो !
पलट सकती है नाव की तक़दीर ,
गोते खाना सीख लो ,
सपने बुनना सीख लो !
ख़ुद ही राह बनाना सीख लो ,
अपने दम पर कुछ करना सीख लो ,
सपने बुनना सीख लो !
तेज़ नहीं तो धीरे चलना सीख लो ,
भय के भ्रम से लड़ना सीख लो ,
सपने बुनना सीख लो !
कुछ पल भंवर से लड़ना सीख लो ,
समंदर में विजय पताका लहराना सीख लो ,
सपने बुनना सीख लो !
——— प्रसिद्ध कवि नरेंद्र वर्मा
( संकलित )
——– राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !