” मैं जिसे ओढ़ता– बिछाता हूँ “

मैं  जिसे  ओढ़ता– बिछाता  हूँ  , वो  गज़ल  आपको  सुनाता हूँ  ! एक जंगल  है  तेरी  आँखों  में  , मैं  जहाँ  राह  भूल  जाता   हूँ …

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” गुरु बिना ज्ञान नहीं मिल सकता है , “

गोरा जी का जन्म तेराढोकि नामक स्थान पर हुआ था  ! इन्हें सभी लोग चाचा कहा करते थे  ! गोरा जी  , बड़े ही विरक्त,…

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” मनुष्य को पलकों— पुतलियों पर काम करना चाहिए “

मनुष्य अपने शरीर को सजाने के लिए अंगों पर विशेष काम करता है  , करना भी चाहिए  ! शरीर को सजाने में 16 शृंगारों का…

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