कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे, उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे ! कभी सुख, कभी दुःख, यही ज़िंदगी है , ये पतझड़ का…
View More ” उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे “कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे, उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे ! कभी सुख, कभी दुःख, यही ज़िंदगी है , ये पतझड़ का…
View More ” उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे “