” सुंदरतम “

1——-  अपेक्षाएं  न   रहने  पर  शिकायतें  भी  नहीं

बचती  हैं  ,  हक़ीकत  स्वीकार  कर  लेने  पर   जीवन

थोड़ा  और  सरल  हो  जाता   है   !

———  आध्यात्मिक  गुरु

2——–   आँसू  बहाने  से  कोई   अपना  नहीं   होता  ,

जो  अपना  होता  है, वो  रोने  ही  कहाँ  देता  है   !

———  दार्शनिक

3———    खो  देने  के  बाद  ही  ख्याल  आता  है  ,

कितना  कीमती  था  समय, व्यक्ति  और  संबंध  !

———-  अज्ञात

4———-  जिसकी  मति  और  गति  सत्य  और  धर्म

की  हो  ,  उसका  रथ  आज  भी  परमात्मा  ही

चलाते  हैं   !

———  साहित्य  साथी

5——-  एक  सपने  के  टूटकर  चकनाचूर  हो  जाने   के

बाद   दूसरा   सपना  देखने  के  हौसले  को   ही

ज़िंदगी  कहते  हैं  !

———-  अज्ञात

(  संकलित   )

 

——–  राम  कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *