” पक्षी की वापसी “

आज  उस  पक्षी  को  फिर  देखा

जिसे  पिछले  साल  देखा  था

लगभग   इन्हीं   दिनों

इसी   शहर   में

 

क्या  नाम  है   उसका

खंजन

टिटिहरी

नीलकंठ

मुझे  कुछ  याद  नहीं

मैं  कितनी  आसानी  से  भूलता  जा रहा हूँ

पक्षियों  के  नाम

मुझे  सोचकर  डर  लगा

 

आख़िर  क्या  नाम  है  उसका

मैं  खड़ा— खड़ा  सोचता  रहा

और  सिर  खुजलाता  रहा

और  यह  मेरे  शहर  में

एक  छोटे– से  पक्षी  के  लौट  आने  का  विस्फोट  था

जो  भरी  सड़क  पर

मुझे  देर  तक  हिलाता  रहा  !!

———–   प्रसिद्ध कवि  केदारनाथ  सिंह

( संकलित  )

 

———-  राम  कुमार  दीक्षित  ,   पत्रकार   !

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