एक बार कालेज में चार दोस्त एक साथ पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे ! इसलिए उनके बीच की दोस्ती काफी गहरी थी एक दिन कालेज में घोषणा की गई कि कुछ दिन बाद आपका एक्जाम लिया जायेगा ! लेकिन ये बात चारों दोस्त भूल गए और एक्जाम की एक रात पहले ये चारों दोस्त पार्टी के लिए बाहर चले गए !
अगले दिन जब चारों दोस्त कालेज गए तो उन्होंने देखा की एक्जाम का टाईम खत्म हो चुका है , तब इन चारों दोस्तों ने एक प्लान बनाया और कार का आयल अपने कपड़े पर लगाया और अपने प्रिंसिपल के केबिन में जाकर प्रिंसिपल से कहा कि हमारी कार का टायर पंचर हो गया था, इसलिए हम एक्जाम नहीं दे पाए ! प्रिंसिपल ने कहा, ठीक है ! तुम कल कालेज आना ! कल तुम्हारा एक्जाम ले लिया जायेगा !
चारों दोस्त खुश होकर वहाँ से निकल गए और सोचने लगे कि आज तो हम बच गए ! इन चारों दोस्तों न रात भर पढाई की और जब अगले दिन परीक्षा देने गए , तब इनसे कहा गया कि तुम चारों की परीक्षा अलग– अलग क्लास में होगी ! चारों दोस्त अलग– अलग क्लास में जाकर बैठ गए ! लेकिन जब इनके हाथ में प्रश्न– पत्र आया , तब इनकी आँखें खुली की खुली रह गयीं क्यों कि प्रश्न– पत्र में सिर्फ एक सवाल लिखा था कि कार का कौन सा टायर पंचर हुआ था ? चारों दोस्त हैरान हो गए ! तब उन्हें उनकी गलती का एहसास हुआ ! इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए , क्यों कि हम जिससे झूठ बोल रहे हैं और उसको हमारे झूठ के बारे में पता है तो सिर्फ उसकी नज़रों में ही नहीं बल्कि हम अपनी नज़रों में भी बुरे और छोटे बन जायेंगे !
——– राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !