“स्वप्न हुआ साकार “

स्वप्न  हुआ  साकार राष्टृ  संघ  के  मंच  से हिंदी  की  जयकार   हिंदी  की  जयकार हिन्दी  हिन्दी  में  बोला देश  स्वभाषा  प्रेम विश्व  अचरज  में …

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” ख़ुद को सज़ा देता हूँ “

रहकर  खामोश  ख़ुद  को  सज़ा  देता  हूँ बेहद  गुस्से  में  तो  बस  मुस्करा  देता  हूँ   सब  नाराज़  होकर  क्यों  जुदा  हैं  मुझसे कहते  हैं …

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” साँप ! तुम सभ्य तो हुए नहीं “

साँप  ! तुम  सभ्य  तो  हुए  नहीं नगर  में  बसना भी  तुम्हें  नहीं  आया  ! एक  बात  पूँछूँ— उत्तर  दोगे  ? तब  कैसे  सीखा  डसना…

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” जो शिलाएँ तोड़ते हैं “

जिंदगी को वह गढ़ेंगे जो शिलाएँ तोड़ते  हैं जो भगीरथ  नीर की  निर्भय  शिराएँ मोड़ते  हैं  !   यज्ञ को इस शक्ति– श्रम  के श्रेष्ठतम…

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” वर दे वीणावादिनी वर दे “

वर  दे  , वीणावादिनी  वर  दे   ! प्रिय स्वतंत्र– रव  अमृत– मंत्र   नव भारत  में  भर   दे   ! काट  अंध– उर  के बंधन– स्तर बहा …

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“हरि पालनै झुलावै “

हरि  पालनै  झुलावै जसोदा  हरि  पालनै  झुलावै हलरावै  दुलरावै  मल्हावै जोई सोइ कछु  गावै मेरे  लाल को  आउ  निंदरिया  काहे न आनि  सुवावै तू काहे…

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” तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार “

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार   आज  सिंधु  ने विष  उगला  है लहरों  का यौवन   मचला  है आज  हृदय  में  और  सिंधु …

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