हिण्डाल्को हॉस्पिटल में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज-डे रेणुकूट (सोनभद्र) अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस के अवसर पर समाज में स्वास्थ्य की प्रमुख कड़ी मानी जेने…
View More हिण्डाल्को हॉस्पिटल में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज-डेCategory: Uncategorized
” कभी धूप तो कभी छाँव “
सुख दुःख दोनों रहते जिसमें, जीवन है वह गाँव, कभी धूप कभी छाँव, कभी धूप तो कभी छाँव ! ऊपर वाला पांसा फेंके, नीचे चलते …
View More ” कभी धूप तो कभी छाँव “” राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा ” !
राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा ! बिखु खावै ,बिखु बोले, बिनु नावै, निहफल मति भ्रमना ! पुसतक पाठ व्याकरण बखानै, संधियाँ करम निकाल करै …
View More ” राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा ” !” छूना है आसमान को “
ज़मीन पर पैर रखकर, जाना है बुलंदियों पे , नींव ज़मी से बनाकर , उड़ना है आसमान में ! जुनून के पंख और, जज़्बे की…
View More ” छूना है आसमान को “” रास्ते की बाधा “
एक राजा ने अपने सैनिकों को सड़क के बीच में एक बड़ा पत्थर रखने के लिए कहा ! बड़े पत्थर को बीच सड़क में रखवाकर…
View More ” रास्ते की बाधा “” दिन पर दिन चले गए “
दिन पर दिन चले गए पथ के किनारे ! गीतों पर गीत अरे रहता पसारे !! बीतती नहीं बेला सुर मैं उठाता ! जोड़–जोड़ सपनों …
View More ” दिन पर दिन चले गए “” मैं बंदूकें बो रहा हूँ ” —- शहीद भगत सिंह के बचपन से जुड़ा प्रेरक प्रसंग !
कहा जाता है कि ‘ पूत के पाँव पालने में ही दिखाई पड़ जाते हैं ! पाँच वर्ष की बाल अवस्था में ही भगत सिंह…
View More ” मैं बंदूकें बो रहा हूँ ” —- शहीद भगत सिंह के बचपन से जुड़ा प्रेरक प्रसंग !” जैसी करनी वैसी भरनी “
एक जंगल में ऊँट और सियार रहते थे ! उस जंगल के पास ही खरबूजे का खेत था लेकिन खेत और जंगल के बीच में…
View More ” जैसी करनी वैसी भरनी “” अग्निपथ “
वृक्ष हों भले खड़े, हों घने, हों बड़े , एक पत्र छाँह भी, माँग मत, माँग मत, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ ! तू न थकेगा…
View More ” अग्निपथ “” अहंकार ने हमेशा परेशानी के सिवा कुछ नहीं दिया “
बहुत समय पहले की बात है ! एक गाँव में एक मूर्तिकार ( मूर्ति बनाने वाला रहता था ! वह ऐसी मूर्तियाँ बनाता था कि…
View More ” अहंकार ने हमेशा परेशानी के सिवा कुछ नहीं दिया “