” अमृत कण “

1—-नित  जीवन  के  संघर्षों  से

जब  टूट  चुका  हो  अंतर्मन  ,

तब  सुख  के  मिले  समंदर  का

रह  जाता  कोई    अर्थ   नहीं   !

—- रामधारी  सिंह  दिनकर

2——  सबसे  खराब  समय  को  झेलने  वाला  व्यक्ति

सबसे  अच्छे  भविष्य  का   निर्माण   करता    है   !

3——  आपका  मन  एक  युद्धक्षेत्र  है   , इसके

कमांडर  बनिये   ,  सैनिक   नहीं   !

4——-  मनुष्य  का  चरित्र   ही   उसका   भाग्य  है  !

5——   मेरे  पास  जूते  नहीं  थे  ,  मैं  इस  बात  को

लेकर  तब  तक  दुःखी  रहा  , जब  तक  मुझे  सड़क

पर  वह  आदमी  नहीं  दिखा  ,  जिसके  पैर  नहीं  थे   !

6——  मैं  कभी  भी  ऐसे  मजबूत  व्यक्ति  से   नहीं

मिला  ,  जिसका  अतीत   आसान  रहा  हो   !

7——  विपत्ति  से  बढ़कर   तजुर्बा  सिखाने वाला  कोई

विद्यालय  आज  तक  नहीं   खुला   !

( संकलित   )

 

——-  राम  कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !

 

 

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