” हाँ हुज़ूर मैं चिल्लाता हूँ “

हाँ, हुज़ूर मैं चीख रहा हूँ, हाँ हुज़ूर मैं चिल्लाता  हूँ क्यों कि हमेशा मैं भूखी अंतड़ियों की पीड़ा गाता हूँ   मेरा कोई गीत…

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” इश्क़ दाना है , इश्क़ पानी है “

दिल  लगाना  न  दिल्लगी  के   लिए ये  इबादत  है  ज़िंदगी   के    लिए   इश्क़   दाना  है  ,  इश्क़   पानी   है इश्क़   साया   है   आदमी …

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” खरगोश बन के दौड़ रहे हैं तमाम ख़्वाब “

तुमको  निहारता  हूँ  सुबह   से     ऋतंबरा  , अब  शाम  हो  रही  है  , मगर  मन  नहीं  भरा  ! खरगोश  बन  के  दौड़  रहे  हैं …

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