बहुत समय पहले की बात है ! एक गाँव में एक मूर्तिकार ( मूर्ति बनाने वाला रहता था ! वह ऐसी मूर्तियाँ बनाता था कि…
View More ” अहंकार ने हमेशा परेशानी के सिवा कुछ नहीं दिया “Category: Uncategorized
जीईई मेंस में 99.76 पर्सेंटाइल लाकर छात्र उत्कर्ष शुक्ला ने बढ़ाया एबीपीएस का मान
जीईई मेंस में 99.76 पर्सेंटाइल लाकर छात्र उत्कर्ष शुक्ला ने बढ़ाया एबीपीएस का मान रेणुकूट (सोनभद्र) गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व बेहतर नतीजें हमेशा से आदित्य…
View More जीईई मेंस में 99.76 पर्सेंटाइल लाकर छात्र उत्कर्ष शुक्ला ने बढ़ाया एबीपीएस का मान” श्री अरविंद घोष के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार “
1—— हमारा वास्तविक शत्रु कोई बाहरी ताकत नहीं है, बल्कि हमारी ख़ुद की कमजोरियों का रोना, हमारी कायरता, हमारा स्वार्थ, हमारा पाखंड, हमारा पूर्वाग्रह है…
View More ” श्री अरविंद घोष के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार “” कसमें वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या “
कसमें वादे प्यार वफ़ा सब, बाते हैं बातों का क्या , कोई किसी का नहीं ये झूठे, नाते हैं नातों का क्या ! होगा मसीहा…
View More ” कसमें वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या “हमारे दुखों की जड़ हैं आप।
: मजदूर दिवस पर विशेष : हमारे दुखों की जड़ हैं आप। ……………………………. भाई बात कहते हैं साफ। आज भी हमारे दुखों की जड़ हैं…
View More हमारे दुखों की जड़ हैं आप।” ऊधौ मन न भये दस बीस “
महान कवि एवं संत श्री सूरदास की भावान्जलि ———————————————————- ऊधौ, मन न भये दस बीस एक हुतो सो गयो…
View More ” ऊधौ मन न भये दस बीस “” मत माँग किसी के आगे सफलता की भीख “
ख़ुद की काबिलियत पर भरोसा रख, जो गलती आज की है उससे सीख ! मत माँग किसी के आगे, अपनी सफलता के लिए भीख …
View More ” मत माँग किसी के आगे सफलता की भीख “” प्रेम को पाना है तो अहंकार से शून्य होना पड़ेगा “
प्रेम न बाड़ी ऊपजे, प्रेम न हाट बिकाय ! राजा परजा सो रुचै , शीश देय ले जाय !! यह दोहा कबीर दास जी का…
View More ” प्रेम को पाना है तो अहंकार से शून्य होना पड़ेगा “” मन पँछी…”
मन पंछी हम नील गगन के उड़ते परिंदे, बिना पंख के उड़ते जाये । मन में हौसलों के पंख लगा, पथ पर अपने बढ़ते जाये।…
View More ” मन पँछी…”” कहाँ हो गोपाल… “
कवि नीरज की खोज कहाँ हो गोपाल ? तुम्हें मैं ढूढ़ता हूँ कॉलेज प्राङ्गण में, कभी अँधेरे कमरों में। खाली कुर्सियों को, ताकता हूँ, बस…
View More ” कहाँ हो गोपाल… “