” खुलासा देखिये “

जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ खुलासा देखिये

आप भी इस भीड़ में घुसकर  तमाशा  देखिये   !

 

जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़

उस  युवा  पीढी  के  चेहरे  की  हताशा  देखिये   !

 

जल  रहा  है  देश  यह  बहला रही  है  क़ौम  को

किस  तरह  अश्लील  है  कविता  की  भाषा  देखिये  !

 

मत्स्यगंधा  फिर कोई  होगी  किसी  ऋषि  का  शिकार

दूर  तक  फैला  हुआ  गहरा  कुहासा    देखिये   !

———   अदम   गोंडवी

( संकलित  )

 

———  राम  कुमार  दीक्षित  ,  पत्रकार   !

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