रात सुनती रही मैं सुनाता रहा दर्द की दास्तां मैं बताता रहा ! लोग लौगों से चाहत निभाते रहे एक वो था मेरा दिल …
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” हर बार गिरता हूँ, संभालता हूँ “
पता है, चलने में हर बार गिरता हूँ , संभालता हूँ , मगर मंज़िल को पाने के लिए चलता ही रहता हूँ ! कभी…
View More ” हर बार गिरता हूँ, संभालता हूँ “” गुनगुनाया करो “
गीत हो या गज़ल गुनगुनाया करो , गम में भी दोस्त मुस्कराया करो ! हर घड़ी दोस्तों को न परखा करो ,…
View More ” गुनगुनाया करो “” कितना अच्छा होता है “
कितना अच्छा होता है एक— दूसरे को बिना जाने पास— पास होना और उस संगीत को सुनना जो धमनियों में बजता है , उन रंगों …
View More ” कितना अच्छा होता है “” मौन “
बैठ लें कुछ देर आओ एक पथ के पथिक से प्रिय , अंत और अनंत के , तम– गहन– जीवन घेर ! मौन मधु हो …
View More ” मौन “” वक़्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया “
वक़्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया हौसलों को मेरे न डिगा पाओगे !! पंख काटे हैं तुमने बेशक मेरे , पर गगन को …
View More ” वक़्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया “” हो गई है पीर पर्वत — सी पिघलनी चाहिए “
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए , इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए ! आज यह दीवार परदों की तरह हिलने …
View More ” हो गई है पीर पर्वत — सी पिघलनी चाहिए “” साथी , साँझ लगी अब होने “
फैलाया था जिन्हें गगन में , विस्तृत वसुधा के कण् — कण् में , उन किरणों के अस्ताचल पर पहुँच लगा है सूर्य संजोने साथी …
View More ” साथी , साँझ लगी अब होने “” पथ भूल न जाना पथिक कहीं “
जीवन के कुसुमित उपवन में गुंजित मधुमय कण् — कण् होगा शैशव के कुछ सपने होंगे मदमाता– सा यौवन होगा यौवन की उच्छंखलता में…
View More ” पथ भूल न जाना पथिक कहीं ““आभार “
जिस जिससे पथ पर स्नेह मिला उस उस राही को धन्यवाद !! सांसों पर अवलंबित काया जब चलते चलते चूर हुई ! दो …
View More “आभार “