फिर भी लोगों को कहने देते हैं !
हर किसी को नहीं समझा सकते ,
इसलिए अब रहने देते हैं !
मोड़ नहीं सकते किस्मत को अपनी तरफ,
इसलिए वक़्त के साथ ख़ुद को बहने देते हैं !
जवाब देना जरूरी समझते नहीं हैं ,
इसलिए ख़ुद को थोड़ा तकलीफ़ सहने देते हैं !!
( संकलित )
—— राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !