” वर दे वीणावादिनी वर दे “

वर  दे  , वीणावादिनी  वर  दे   ! प्रिय स्वतंत्र– रव  अमृत– मंत्र   नव भारत  में  भर   दे   ! काट  अंध– उर  के बंधन– स्तर बहा …

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“हरि पालनै झुलावै “

हरि  पालनै  झुलावै जसोदा  हरि  पालनै  झुलावै हलरावै  दुलरावै  मल्हावै जोई सोइ कछु  गावै मेरे  लाल को  आउ  निंदरिया  काहे न आनि  सुवावै तू काहे…

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” तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार “

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार   आज  सिंधु  ने विष  उगला  है लहरों  का यौवन   मचला  है आज  हृदय  में  और  सिंधु …

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” दिन पर दिन चले गए… “

दिन  पर  दिन  चले  गए  पथ  के  किनारे गीतों  पर  गीत  अरे  रहता   पसारे बीतती  नहीं  बेला  सुर  मैं  उठाता जोड़— जोड़  सपनों  से  उनको …

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