” प्रेम ख़ुद ही स्वयं को संवारता है “

प्रेम  ख़ुद  ही  स्वयं  को  संवारता  है  , यह  अपनी  आंतरिक  प्रसन्नता  को  वाह्य  , सुंदरता  से  सिद्ध  करने  का  प्रयास  करता  है  ! प्रेम …

View More ” प्रेम ख़ुद ही स्वयं को संवारता है “

” दिल के लुट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं “

दिल  के  लुट  जाने  का  इज़हार  जरूरी  तो  नहीं ते  तमाशा  सर ए बाज़ार   जरूरी  तो   नहीं   !   मुझे था  प्रेम तेरी  रूह  से …

View More ” दिल के लुट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं “