दिन पर दिन चले गए पथ के किनारे, गीतों पर गीत अरे रहता पसारे !! बीतती नहीं बेला सुर मैं उठाता , जोड़– जोड़ सपनों …
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” कलम आज उनकी जय बोल “
जला अस्थियां बारी बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी जो चढ़ गये पुण्य वेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल कलम आज उनकी जय बोल ! …
View More ” कलम आज उनकी जय बोल “” हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते “
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख से लम्हे नहीं तोडा करते ! जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों …
View More ” हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते “” अजनबी देश है यह “
अजनबी देश है यह , जी यहाँ घबराता है कोई आता है यहाँ , पर न कोई जाता है ! जागिये तो यहाँ मिलती …
View More ” अजनबी देश है यह ““जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा .. “
जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा , काफिला साथ और सफ़र तन्हा ! अपने साये से चौँक जाते हैं उम्र गुजरी है इस क़दर तन्हा …
View More “जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा .. ““तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा “
तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा , सफर न् करते हुए भी किसी सफर में रहा ! वो जिस्म ही था …
View More “तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा “” मुक्तक “
1— एक दो दिन में वो इकरार कहाँ आयेगा हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आयेगा ! आज बंधा है जो इन बातों में…
View More ” मुक्तक “” डॉक्टर बोला..”
डॉक्टर बोला — दूसरों की तरह क्यों नहीं जीते हो इतनी क्यों पीते हो ? वे बोले— मैं तो दूसरों से भी अच्छी …
View More ” डॉक्टर बोला..”” प्रेरक विचार “
1—- अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते , उन्हें अच्छे से पढ़ना पड़ता है ! 2—— जब प्रयासों की गिनती …
View More ” प्रेरक विचार “” जब खिलती मुखड़े के ऊपर “
जब खिलती मुखड़े के ऊपर मंद मधुर मुस्कान , हो जाती है तब अनजाने से बिना कहे पहचान ! मुस्काकर हर बाधा को …
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