ऊधो ! तुम हौ अति बड़भागी ! अपरस रहत सनेहतगा तें , नाहीन मन अनुरागी !! पुरइनि पात रहत जल– भीतर ता रस देह ना…
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” समय का महत्व “
*अगर शहद जैसा मीठा* *परिणाम चाहियें तो,* *मधुमक्खियों की तरह,* *एक रहना ज़रूरी है…* *चाहे वो दोस्ती हो..* *परिवार हो….* *अपना भाई-बन्धु हो …*…
View More ” समय का महत्व “” अमृत — विचार “
1—— यात्रा करें और किसी को ना बताएं ! एक साथी खोजें और किसी को ना बताएं ! खुश रहो और किसी को मत बताओ …
View More ” अमृत — विचार “” प्रेम ही परमात्मा “
1——- अगर प्रेम , आनंद, और परमानंद के आँसुओं ने आपके गालों को नहीं धोया है , तो आपने अभी जीवन का स्वाद नहीं चखा …
View More ” प्रेम ही परमात्मा ““अनमोल मोती “
अगर आप एक इंसान हैं, तो नीचे दिए गए महाभारत के अनमोल “9 मोती” को पढ़ें और समझें: 1. अगर आप समय रहते अपने बच्चों…
View More “अनमोल मोती “” सब अंधियारा मिट गया “
जब मैं था तब हरि नहीं , अब हरि है मैं नाँहि ! सब अंधियारा मिट गया , दीपक देखा मांहि !! …
View More ” सब अंधियारा मिट गया “” हो मधुर सपना तुम्हारा “
हो मधुर सपना तुम्हारा पलक पर यह स्नेह चुंबन पोंछ दे सब अश्रु के कण् नींद की मदिरा पिलाकर दे भुला जग क्रूर कारा …
View More ” हो मधुर सपना तुम्हारा “” कर्म– बंधन “
” जीवात्मा कर्म का कर्त्ता और भोक्ता है। वही कर्म-बन्धन में बँध जाता है। उससे छूटने का उपाय भी गीता में वर्णित है। गीता का…
View More ” कर्म– बंधन “” लालच बुरी बला है “
एक बार एक बुढ्ढा आदमी तीन गठरी उठा कर पहाड़ की चोटी की ओर बढ़ रहा था। रास्ते में उसके पास से एक हष्ट –…
View More ” लालच बुरी बला है “” कर्ज़ “
विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर राजस्थान जा रही थी …पति शहर से बाहर थे … जिस रिश्ते…
View More ” कर्ज़ “