” जीने का उद्देश्य मिल जाता है “

आपको आपकी उम्र नहीं

आपका बड़प्पन बड़ा बनाता है

झुकने से आपका मान कम नहीं

और बढ़ जाता है !

अच्छी संगत से सदगुण हैं आते

और जीवन सफल हो जाता है !

शिक्षा से ज्ञान मिलता

जीने का सलीका मिल आ जाता है !

प्रेम से है परवाह आती

और जीने का उद्देश्य मिल जाता है !

दूसरे का दुख दूर करने का प्रयास करते हो

तब हृदय आनंद से भर जाता है !

परमात्मा आपके कर्म के नहीं

आपके निश्छल प्रेम के भूखे हैं !

जब हम अपने को सुधारने लगते हैं

तब हमारा परिवेश बदलने लगता है !

—- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !

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