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राज्यपाल ने जनपद अमेठी के आंगनबाड़ी केंद्रों के सशक्तिकरण के लिए 300 आंगनबाड़ी किटों का वितरण किया
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राज्यपाल ने सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत 300 बालिकाओं को टीका लगाया गया
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राज्यपाल ने मेधावी विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं पदक प्रदान किए तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और विद्यार्थियों को जीवन में सकारात्मक सोच, आत्मनिर्भरता तथा समाजसेवा के मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया
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विद्यार्थी भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें
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75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी
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सभी छात्र अपने कर्तव्यों के पालन में पूरी निष्ठा से जुट जाएं। छात्र का कार्य है, पढ़ना, शोध करना, पुस्तकालय में जाना, अभ्यास करना, और जीवन में स्वच्छता के तौर-तरीकों को अपनाना
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वर्तमान में युवा पीढ़ी नशे की दुनिया की ओर बढ़ रही है, जो कि शिक्षण संस्थानों में एक चिंताजनक प्रवृत्ति बनती जा रही है, इसे रोकना आवश्यक
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पढ़ना है तो बहुत अच्छा पढ़ो, खराब आदतें छोड़ दो, और अपने माता-पिता तथा समाज के लिए एक आदर्श के रूप में स्वयं को स्थापित करो
-राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल
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लखनऊ : 13 अक्टूबर, 2025
प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या का 30वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने जनपद अमेठी के आंगनबाड़ी केंद्रों के सशक्तिकरण के लिए 300 आंगनबाड़ी किटों का वितरण किया। साथ ही, उन्होंने सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत 300 बालिकाओं को टीका लगाया गया, जिससे उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा और भविष्य में गंभीर रोगों से बचाव सुनिश्चित होगा। राज्यपाल जी ने कहा कि यह पहल न केवल बालिकाओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाएगी, बल्कि उन्हें शिक्षा और सामाजिक विकास की दिशा में भी प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने माता-पिता और समाज से अपील की कि वे इस अभियान को समर्थन दें और अपनी बेटियों को स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह सशक्त बनाएं। वैक्सीन महंगी अवश्य है, परंतु बेटियों से अधिक मूल्यवान कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, “विवाह में पिता कम पैसे खर्च करें, लेकिन बेटियों को वैक्सीन अवश्य लगवाएँ।” इससे बेटियाँ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाई जा सकती हैं। इसके लिए राज्य स्तर पर एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। राज्यपाल जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ संदेश एक संकल्प है, जिसे सभी को मिलकर पूर्ण करना है।
इस अवसर पर राज्यपाल जी विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं पदक प्रदान किए तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और विद्यार्थियों को जीवन में सकारात्मक सोच, आत्मनिर्भरता तथा समाजसेवा के मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि 25 नवंबर को श्री राम मंदिर का ध्वजारोहण होने जा रहा है। 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा में लाखों लोगों ने बलिदान दिया और इस पावन ध्येय की प्राप्ति के लिए सतत संघर्ष चलता रहा। अब हम सभी भारतवासी पूर्ण रूप से भगवान श्रीराम के मंदिर के दर्शन, पूजन एवं अर्चन कर पाएंगे।
कुलाधिपति जी ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें। अधिकांश लोग कर्म करने की बात तो करते हैं, परंतु उसे पूरे मनोयोग से पूर्ण करने में पीछे रह जाते हैं। जो हमारा दायित्व है, उसे हम अवश्य पूर्ण करें।
समारोह में कुल 1,89,119 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें छात्राओं की संख्या उल्लेखनीय रूप से अधिक रही। कुलाधिपति जी ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत एक प्राचीन संस्कृति वाला देश है जहाँ गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से जीवंत रही है। ज्ञान के लिए गुरु आवश्यक हैं, परंतु यह परंपरा धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में संतों की उपस्थिति को उन्होंने हर्ष का विषय बताया।
राज्यपाल जी ने छात्र-छात्राओं को सचेत करते हुए कहा कि बहुत कठिन निर्णय लेते हुए यह तय किया गया है कि कक्षाओं में 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। विश्वविद्यालयों को इसका कड़ाई से पालन करना होगा।
कुलाधिपति जी ने कहा कि सभी छात्र अपने कर्तव्यों के पालन में पूरी निष्ठा से जुट जाएं। छात्र का कार्य है, पढ़ना, शोध करना, पुस्तकालय में जाना, अभ्यास करना, और जीवन में स्वच्छता के तौर-तरीकों को अपनाना।
युवाओं को सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी नशे की दुनिया की ओर बढ़ रही है, जो कि शिक्षण संस्थानों में एक चिंताजनक प्रवृत्ति बनती जा रही है। विद्यार्थियों को जो नहीं करना चाहिए, वही आज किया जा रहा है, इसे रोकना आवश्यक है। पंजाब इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अयोध्या प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है, इसलिए प्रदेश के सभी युवा इस तरह के अंधकार से स्वयं को दूर रखें। उन्होंने कहा “पढ़ना है तो बहुत अच्छा पढ़ो, खराब आदतें छोड़ दो, और अपने माता-पिता तथा समाज के लिए एक आदर्श के रूप में स्वयं को स्थापित करो।”
कुलाधिपति जी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को बनाने में किसानों ने अपनी जमीन दी थी, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियाँ शिक्षित होकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ें और राष्ट्र के उत्थान में योगदान दें। उन्होंने गर्वपूर्वक कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय विश्व रैंकिंग में शामिल हो रहे हैं, और इस लक्ष्य को आगे और ऊँचा उठाना है। आज ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षण संस्थान तेजी से प्रगति कर रहे हैं। इसी क्रम में समारोह में स्कूली बच्चों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
पर्यावरण संरक्षण पर चिंता व्यक्त करते हुए कुलाधिपति जी ने कहा कि सभी शहरों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, और इस दिशा में गंभीर शोध की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाएँ। आकाशीय बिजली और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बड़े पैमाने पर जनहानि हो रही है। इस विषय पर भी शोध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने इसके अध्ययन हेतु निसार उपग्रह को लांच किया है, जिससे इन आपदाओं की गहराई को समझा जा सके और भविष्य में जनहानि से बचा जा सके।
युवाओं को चेतावनी देते हुए कुलाधिपति जी ने कहा कि लिव इन रिलेशन जैसी प्रवृत्तियाँ भारत जैसे प्राचीन संस्कृति वाले देश पर कुठाराघात हैं। इससे परिवार, समाज और विशेषकर बेटियों का जीवन संकट में पड़ जाता है। उन्होंने कहा “एक राज्यपाल होने के नाते नहीं, बल्कि एक महिला और दादी के रूप में मैं आप सभी से अनुरोध करती हूँ कि इस अपसंस्कृति से दूर रहें। अपने माता-पिता, दादा-दादी के अनुभवों से सीखें। तभी आपका मार्ग प्रशस्त होगा।” जीवन में भगवान श्रीराम के गुणों को आत्मसात करें, यही सच्ची शिक्षा और जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है।
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने पर्यावरण विषय पर गीत और अभिनय की प्रस्तुतियाँ दीं, जिसे राज्यपाल जी ने सराहा। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय की छात्रा को पर्यावरण पर भाषण देने के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय की स्मारिका और शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन भी किया। उन्होंने श्री राठौड़ बाबूभाई मुझीभाई को डिलीट की मानद उपाधि से अलंकृत किया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के चयनित आंगनवाड़ी केंद्रों के सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, अमेठी जनपद के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को राजभवन की पुस्तक भेंट की गई, और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को हेल्थ किट प्रदान किए गए। राज्यपाल जी ने राजभवन की तरफ से प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पुस्तकें भेंट कीं और सभी उपाधियों एवं अंक पत्रों को डीजीलॉकर में समाहित किया जिससे विद्यार्थियों को डिजिटल रूप में सुरक्षित प्रमाण उपलब्ध हो सके।
राज्यपाल जी ने मुख्य परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण छात्रों द्वारा तैयार की गई फैशन डिजाइनिंग की पोशाकें और उत्कृष्ट कढ़ाई के नमूने रहे। प्रौढ़ एवं सतत प्रसार शिक्षा की छात्राओं एवं शिक्षिकाओं के मिलेट्स आधारित विभिन्न व्यंजनों को कुलाधिपति जी और अन्य अतिथियों ने चखा और सराहा, तथा कुलाधिपति जी ने इसे भोजन में प्रमुख रूप से शामिल करने की सलाह दी। पर्यावरण विज्ञान विभाग ने जनपद के आसपास पाए जाने वाले पक्षियों और वन्य जीवों की तस्वीरें प्रदर्शित कीं और अयोध्या जनपद में पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति का लाइव प्रसारण किया, जिससे छात्रों और आगंतुकों में पर्यावरण जागरूकता उत्पन्न हुई।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अयोध्या की पवित्र भूमि को भारत की चेतना और संस्कृति की ऊर्जा का स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। विद्यार्थियों को शिक्षा को केवल नौकरी या परीक्षा तक सीमित न रखते हुए शोध, संस्कृति और राष्ट्र सेवा से जोड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता, विश्वविद्यालयों की रैंकिंग और शोध कार्यों में आई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी हो रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल के मार्गदर्शन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की तथा “स्वदेशी अपनाओ” और “दृढ़ संकल्प के साथ राष्ट्र सेवा” का आह्वान किया।
राज्यमंत्री (उच्च शिक्षा) श्रीमती रजनी तिवारी ने पदक व उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि अयोध्या वह भूमि है जिसने विश्व को धर्म, न्याय और आदर्श का मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा कि भव्य राम मंदिर के आलोक में यह नगरी पुनः वैभव को प्राप्त कर रही है। उन्होंने विद्यार्थियों को भगवान राम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के प्रति नैतिक जिम्मेदारी निभाने और चुनौतियों को अवसर में बदलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आज भारत की पहचान विश्व में सशक्त रूप में उभर रही है और इसमें युवाओं, विशेषकर बेटियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान फलदायी हो रहा है और आज प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा के विस्तार से उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बनता जा रहा है।
कुलपति कर्नल डॉ. बिजेन्द्र सिंह ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि यह प्रदेश के सात जिलों के 653 महाविद्यालयों से संबद्ध है और लगभग 6 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 140 स्वर्ण पदक दिए गए, जिनमें से 84 छात्राओं ने प्राप्त किए जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, सोलर प्लांट, वर्षा जल संचयन और स्वच्छता से जुड़ी परियोजनाओं की जानकारी दी। विश्वविद्यालय ने मिशन शक्ति फेस-5 के तहत छात्राओं के आत्मरक्षा व सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम आयोजित किए। नई प्रयोगशालाएँ, आईटी सेंटर और छात्रावासों के निर्माण की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन, शोध परियोजनाओं, कार्यशालाओं और सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों (‘चलिए गाँव की ओर’) के माध्यम से विश्वविद्यालय शिक्षा, नवाचार और समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद, विद्या परिषद के सदस्यगण, समस्त संकायाध्यक्ष, आमंत्रित अतिथि, शिक्षकगण, प्रशासनिक अधिकारी, अभिभावक, विद्यार्थी, आंगनवाड़ी कार्यकत्री तथा विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।
