मुख्यमंत्री ने सड़कों की मरम्मत तथा गड्ढा
मुक्ति अभियान सहित अन्य कार्यां की समीक्षा की
मानसून वर्षा के कारण खराब हुई सड़कों की मरम्मत और
आवश्यकतानुसार पुनर्निर्माण की कार्यवाही को तेज करने के निर्देश
हाईवे, एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र की सड़कें व अन्य महत्वपूर्ण
मार्ग आगामी प्रमुख पर्वों व त्योहारों से पहले अच्छी स्थिति में हों,
आमजन को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो
प्रदेश की 44,196 कि0मी0 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य,
सम्बन्धित विभाग लक्ष्य की प्राप्ति में समान गति बनाएं और बेहतर कार्य करें
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों के मरम्मत कार्य में तेजी लायी जाए
सभी विभागीय अधिकारी पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और समयबद्धता
को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, कार्यों की प्रगति की दैनिक निगरानी हो
तथा शासन स्तर पर नियमित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए
प्रदेश में एक सुदृढ़ उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार किया जाए
लखनऊ : 16 सितम्बर, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर विभिन्न विभागों के साथ आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में सड़कों की मरम्मत तथा गड्ढा मुक्ति अभियान सहित अन्य कार्यां की समीक्षा की। उन्होंने मानसून वर्षा के कारण खराब हुई सड़कों की मरम्मत और आवश्यकतानुसार पुनर्निर्माण की कार्यवाही को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हाईवे, एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र की सड़कें व अन्य महत्वपूर्ण मार्ग दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ जैसे आगामी प्रमुख पर्वों व त्योहारों से पहले अच्छी स्थिति में होने चाहिए, ताकि आमजन को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक में अधिकारियों ने गड्ढा मुक्ति अभियान की कार्ययोजना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश की कुल 6,78,301 सड़कों, जिनकी लम्बाई 4,32,989 कि0मी0 है, उनमें से 44,196 कि0मी0 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में औसतन 21.67 प्रतिशत प्रगति दर्ज हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने एन0एच0ए0आई0, मण्डी परिषद, पी0डब्ल्यू0डी0, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नगर विकास, सिंचाई, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास सहित विभिन्न विभागों से अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि सभी विभाग लक्ष्य की प्राप्ति में समान गति बनाएं और कमजोर प्रगति वाले विभाग और बेहतर कार्य करें। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों के मरम्मत कार्य में तेजी लाने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगर निगमों में अवस्थापना सम्बन्धी कार्यों की धनराशि का समय से और सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए। कार्य का आवंटन पारदर्शिता के साथ हो और कार्यों में अनावश्यक विलम्ब न हो। अन्यथा की स्थिति में महापौरों के अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि जिस भी नगर निगम में ई0ई0एस0एल0 का बकाया है, उसका तत्काल भुगतान करा दिया जाए।
सड़क नवीनीकरण कार्यों की समीक्षा में बताया गया कि 31,514 कि0मी0 लम्बाई की सड़कों को इसमें शामिल किया गया है। लोक निर्माण विभाग ने इसमें 84.82 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नवीनीकरण कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करना सभी विभागों की जिम्मेदारी है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
बैठक में अवगत कराया गया कि रेस्टोरेशन एवं विशेष मरम्मत के अंतर्गत 2,750 कि0मी0 सड़कें चिन्हित की गई हैं। अधिकारियों ने जानकारी दी कि ग्राम्य विकास विभाग ने इसमें 62.99 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है। नगर विकास विभाग ने 35.50 प्रतिशत और अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने 48.77 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि आगामी 30 सितम्बर तक लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे पूरा कर कार्ययोजना शासन को प्रस्तुत की जाए।
पर्व एवं त्योहारों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि 649 मार्ग संतोषजनक स्थिति में हैं, जबकि 114 मार्ग असंतोषजनक स्थिति में पाए गए हैं। इस पर मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन मार्गों को तत्काल सुधार कर सुचारु यातायात सुनिश्चित किया जाए। त्योहारों के समय सड़कों की स्थिति प्रदेश की छवि से जुड़ी होती है, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अभियान प्रदेशवासियों की सुविधा और सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़ा है। इसलिए सभी विभागीय अधिकारी पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। कार्यों की प्रगति की दैनिक निगरानी हो तथा शासन स्तर पर नियमित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के विकास की रूपरेखा पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अधिकांश राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पूर्व-पश्चिम दिशा में केन्द्रित हैं। ऐसे में अब आवश्यकता है कि नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक फैले जनपदों को जोड़ने वाला एक सुदृढ़ उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार किया जाए। इस उद्देश्य से राष्ट्रीय राजमार्गों (एन0एच0) के अन्तर्गत आने वाले हिस्सों में एन0एच0ए0आई0 का सहयोग लिया जाए और शेष मार्गों का निर्माण, सुदृढ़ीकरण तथा चौड़ीकरण राज्य स्तर पर कराया जाए। जहां आवश्यक हो, वहां ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएं।