” बार– बार चाय पीते हैं तो सावधान होने की जरूरत “

यदि आप बार– बार चाय पीते हैं  तो सावधान हो जाइये क्यों कि इसमें पाए जाने वाले कैफीन के कारण मूत्र की मात्रा में तीन गुना अधिक वृद्धि होती है  ! चाय पीने से कैफ़ीन से मूत्र वृद्धि होने से दूषित मल जिसका शरीर से मूत्र के रास्ते निकल जाना आवश्यक होता है  ! वह शरीर के अन्दर ही संचित होने लगता है  जिसके कारण गठिया का दर्द   गुर्दे संबंधी रोग एवं हृदय संबंधी रोग होने लगते हैं  !

अधिक चाय का सेवन करने से एसिड के कारण पेट फूलना, पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी, बदहजमी, नींद न आना, दांत पीले होना जैसे रोग पैदा होने लगते हैं  ! चाय के अत्यधिक प्रयोग से उसमें पाया जाने वाला कैफ़ीन टैनिंन नामक विष चाय के प्रभाव को अत्यधिक उत्तेजनाप्रद बनाते हैं  ! इसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है  ! जैसे– जैसे चाय का नशा बढ़ता जा रहा है  , वैसे– वैसे हृदय रोग, मानसिक रोगों में भी बढ़ोत्तरी होती जा रही है  ! कैफ़ीन के प्रभाव से दिल की धड़कन बढ़ जाती है और इसके कारण हृदय रोग बढ़ रहे हैं  ! इसलिए अत्यधिक चाय के सेवन से बचने की जरूरत है  !

 

——–  राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे, महारास्ट्र  !

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