” कुछ तो लोग कहेंगे “

आप कहीं पर जाएं  , कुछ भी करें  ! आपको हमेशा चार तरह के लोग मिलेंगे या यों कहें कि आपको चार तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा  ! आप कोई भी नया काम हाथ में लेते हैं या जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको वो लोग मिलेंगे जो आपकी आलोचना करेंगे या मज़ाक उड़ाएंगे  ! आपको नीचे गिराने की कोशिश करेंगे  ! जो कुछ नहीं बन पाते वो बढ़िया  आलोचक तो बन ही जाते हैं  !

मान लीजिये आपने अखबार में नित्य कालम लिखना शुरू किया, तो शुरू शुरू में आपको ऐसे लोग मिलेंगे जो आपका मज़ाक उड़ाएंगे  ! कहेंगे यह भी कोई काम है भला  ,  लगता है कि यह आदमी इतना फालतू है कि इसके पास अखबार में लिखने का फालतू समय है  ! पैसे कमाने में तो अपना दिमाग लगाता नहीं  ! तो कुछ भाई लोग कह देंगे  , इसके पास इतना दिमाग कहाँ  ? किसी किताब से नकल करके लिख देता होगा  ! अगर फिर भी आप नित्य  लिखना जारी रखते हैं ,और उनकी बातों से विचलित नहीं होते हैं तो फिर यही लोग आपको झेलेंगे  ! कहेंगे  , यह तो मानता ही नहीं  ! पागल है, कौन समझाए इसे, कौन इससे माथा खपाये  ! करने दो, जो करे  ! अब ये लोग आपको झेलेंगे  !

इसके बाद एक तीसरी स्थिति आती है, जब यही आलोचना करने वाले  , आपके फालोवर बन जायेंगे  ! आप निस्वार्थ भाव से अपना काम जारी रखे हुए हैं तो ये लोग आपके पीछे– पीछे चलने लगेंगे  ! आपके साथ– साथ चलेंगे  ! आपके साथ आकर खड़े हो जायेंगे  ! इसके बाद एक चौथी स्थिति आती है  , जब यही लोग आपके वकील बन जायेंगे  ! आपके पीछे से आपके लिए कोई कुछ भला– बुरा कहेगा तो ये आपका बचाव करेंगे  ! बोलेंगे  , अरे भाई  तू ऐसे कैसे बोल रहा है  ! उसके बारे में जानता हूँ कि वो कैसा है  ! मुझे से पूंछ लो मैं बताता हूँ  ! आपका पक्ष लेने वाले बन जायेंगे ये लोग   और सामने वाले को चुप करा देंगे  ! इन चार तरह के लोगों से हर किसी का सामना होता है  ! इसलिए किसी की बातों पर कोई ध्यान न देते हुए, निर्भीकता से अपना काम करते हुए  आगे बढ़ते रहना चाहिए  !

 

——–   राम कुमार दीक्षित, पत्रकार   !

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