*अगर शहद जैसा मीठा*
*परिणाम चाहियें तो,*
*मधुमक्खियों की तरह,*
*एक रहना ज़रूरी है…*
*चाहे वो दोस्ती हो..*
*परिवार हो….*
*अपना भाई-बन्धु हो …*
*या अपना देश हो….*
*परमात्मा सभी को एक ही,*
*मिट्टी से बनाता है ।*
*बस फर्क इतना है कि कोई,*
*बाहर से खूबसूरत होता है,*
*तो कोई अंदर से….।।*
*हमारा व्यवहार कई बार हमारे*
*ज्ञान से अधिक अच्छा साबित*
*होता है…*
*क्योंकि जीवन में जब विषम*
*परिस्थितियां आती हैं.*
*तब ज्ञान हार सकता है,*
*परन्तु व्यवहार से हमेशा जीत*
*होने की संभावना रहती है..*
*दुनिया में हर किसी की अपनी*
*अहमियत होती है..*
*आईने की क़ीमत भले ही*
*हीरे के मुकाबले कुछ भी न हो,*
*पर हीरे के ज़ेवर पहनने के बाद*
*हर कोई ढूँढता आइना ही है,*
*इसलिये….!!*
*अपना वजूद बनाए रखिये,*
*वक्त आने पर आपको भी..*
*महत्व मिलेगा !!*
( संकलित )
———- राम कुमार दीक्षित , पत्रकार !