” कर्मवीर ” समाचार पत्र के संपादक व स्वतंत्रता सेनानी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी सामाजिक चेतना व आज़ादी की अलख जगाने के साथ ही भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के सरंक्षण को सदैव समर्पित रहे ! वह गोवंश को भारतीय संस्कारों के साथ कृषि व्यवस्था की रीढ़ भी मानते थे ! वर्ष 1920 की बात है !
महाकौशल के सागर जिले के रतौना स्थान पर एक विदेशी कम्पनी ने विशाल बूचड़खाने बनाने की स्कीम बनाई ! जिसमें दो लाख पशुओं को प्रतिवर्ष काटा जाना था ! इस योजना का पता चलते ही उन्होंने ” कर्मवीर ” में समाचार प्रकाशित करके जनता को सचेत किया ! उन्होंने भारतीय संस्कृति पर हो रहे हमले के खिलाफ जन चेतना जगाई ! उनके संपादकीय लेखन व अन्य चेतना के प्रयासों से पूरे महाकौशल में प्रस्तावित बूचड़खाने के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का जन्म हुआ! फिर फिरंगी सरकार को जन आंदोलन के सामने झुकना पड़ा ! लेकिन बौखलाई फिरंगी सरकार ने माखनलाल चतुर्वेदी को झूठे आरोप लगाकर जेल भेज दिया ! इस निर्भीक संपादक को बाद में झंडा सत्याग्रह में भाग लेने पर जेल हुई और उनको तमाम तरह की यातनाएँ दी गयीं !
———— राम कुमार दीक्षित , पत्रकार , पुणे !