” तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं “

तेरे  लिए  सब  छोड़  के  भी  , तेरा  न  रहा  मैं  , दुनिया  भी  गई  इश्क़  में,  तुझसे  भी  गया  मैं   !   एक  सोच …

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” अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए “

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिस में इंसान को इंसान  बनाया  जाए   !   जिस की खुशबू से महक जाए पड़ोसी का…

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” रात सुनती रही मैं सुनाता रहा “

रात   सुनती  रही  मैं  सुनाता  रहा दर्द  की  दास्तां   मैं  बताता   रहा   !   लोग  लौगों  से  चाहत  निभाते   रहे एक  वो  था  मेरा  दिल …

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” हर बार गिरता हूँ, संभालता हूँ “

पता है, चलने में  हर  बार गिरता  हूँ  , संभालता  हूँ  , मगर  मंज़िल को  पाने  के  लिए  चलता  ही रहता हूँ  !   कभी…

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” कितना अच्छा होता है “

कितना अच्छा  होता  है एक— दूसरे  को  बिना  जाने पास— पास  होना और उस  संगीत  को  सुनना जो  धमनियों  में  बजता  है  , उन  रंगों …

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” वक़्त तुमने मुझे यूँ झुका तो लिया “

वक़्त  तुमने  मुझे  यूँ  झुका  तो  लिया हौसलों  को  मेरे  न  डिगा    पाओगे  !! पंख  काटे  हैं  तुमने  बेशक   मेरे  , पर  गगन  को …

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” हो गई है पीर पर्वत — सी पिघलनी चाहिए “

हो  गई  है  पीर  पर्वत  सी  पिघलनी  चाहिए   , इस  हिमालय  से  कोई  गंगा  निकलनी  चाहिए  !   आज  यह  दीवार  परदों  की  तरह  हिलने …

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