मुख्यमंत्री ने जनपद बहराइच में मानव-वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत भेड़िये के हमले से प्रभावित परिजनों से भेंट की तथा पीड़ित ग्रामीणों के साथ संवाद किया

मुख्यमंत्री ने जनपद बहराइच में मानव-वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत भेड़िये के
हमले से प्रभावित परिजनों से भेंट की तथा पीड़ित ग्रामीणों के साथ संवाद किया

जनपद के हिंसक वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

प्रदेश सरकार प्रभावित परिजनों के साथ, प्रभावित परिवारों
को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी : मुख्यमंत्री

राज्य सरकार ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में रखा,
मानव-वन्यजीव संघर्ष से पीड़ित परिवारों को 05 लाख रु0 की सहायता धनराशि
जिला प्रशासन सभी घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था तथा प्रत्येक घायल
को 50 हजार रु0 की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की तत्काल कार्यवाही करे

प्रभावी रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित कर हिंसक वन्यजीवों को पकड़ा जाए

प्रदेश सरकार ने 21 टास्कफोर्स का गठन किया, वन विभाग की
32 टीमें गठित, पुलिस विभाग द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही
प्रभावित क्षेत्रों में 1,437 एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटें, 660 स्ट्रीट लाइटें
तथा 91 सोलर लाइटें लगाई गईं, सायं 06 बजे से प्रातःकाल 06 बजे
तक निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति करायी जा रही

लखनऊ : 27 सितम्बर, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद बहराइच में मानव-वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत भेड़िये के हमले से प्रभावित परिजनों से भेंट की तथा पीड़ित ग्रामीणों के साथ संवाद किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने जनपद के हिंसक वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रभावित परिवारों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आपके साथ है। प्रभावित परिवारों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में रखा गया है। मानव-वन्यजीव संघर्ष से पीड़ित परिवारों को 05 लाख रुपये की सहायता धनराशि दी जाती है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था तथा प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की तत्काल कार्यवाही की जाए। स्थानीय जनप्रतिनिधिगणों के माध्यम से सहायता धनराशि पीड़ित परिवारों को प्रत्येक दशा में प्राप्त हो जाए, जिससे वे स्वयं की अन्य व्यवस्था सुनिश्चित कर सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बरसात में घाघरा और सरयू नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में भेड़िया एवं लकड़बग्घा जैसे वन्यजीवों से सावधान रहना चाहिए। इन क्षेत्रों में नदी का जलस्तर बढ़ने से वन्यजीवों की मांद में पानी भर जाता है, तब वह वन्य क्षेत्रों से निकलकर मानव बस्ती की ओर आते हैं। जंगली जीव प्रायः कमजोर तथा छोटे बच्चों पर हमला करते हैं। जनपद बहराइच में पिछले कुछ समय से मानव-वन्यजीव संघर्ष के लगातार मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वन्यजीवों से बचाव हेतु प्रभावी कदम उठाए गये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी कार्यवाही करते हुए 21 टास्कफोर्स का गठन किया गया है। टास्कफोर्स के अन्तर्गत ग्राम रोजगार सेवक, पंचायत सहायक, सफाई कर्मचारी, ग्राम पंचायत सचिव, सहायक विकास अधिकारी और ग्राम चौकीदार सम्मिलित हैं। यह टास्कफोर्स ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरण के साथ-साथ वन्यजीवों से बचाव हेतु आवश्यक कार्यवाही कर रही हैं। इसके अतिरिक्त संवेदनशील ग्राम पंचायत के सभी मजरों में ग्रामवासियों की वॉलेण्टियर टीम का भी गठन किया गया है।
वन विभाग द्वारा 06 वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में 32 टीमें गठित की गयी हैं। पुलिस विभाग द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में 1,437 एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटें, 660 स्ट्रीट लाइटें तथा 91 सोलर लाइटें लगाई गई हैं। वन्यजीव प्रभावित ग्राम पंचायतों में प्रकाश व्यवस्था हेतु विद्युत विभाग के कार्मिकों की ड्यूटी लगाकर प्रशासन से समन्वय करते हुए रोस्टर में परिवर्तन कराकर सायं 06 बजे से प्रातःकाल 06 बजे तक निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वन्यजीवों के दुर्दांत हमले से चार बच्चे घटना के शिकार हुए और उनकी मृत्यु हो गयी। अब तक 16 लोग भेड़िए के हमले से घायल हुए हैं। मृतक बच्चों के परिवारजनों को 05-05 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गयी है। जिन पीड़ितों के पास पक्का मकान नहीं है, उन्हें तत्काल एक-एक पक्का मकान दें। जिनके पास मकान है, लेकिन दरवाजा नहीं है, वहां दरवाजा लगवाने की व्यवस्था की जाए। जिनके घरों में शौचालय नहीं बना है, तत्काल शौचालय का निर्माण कराए जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित लाइटिंग की व्यवस्था की जाए। प्रत्येक घायल को एंटी रैबीज के इन्जेक्शन लगाए जाएं, जिससे रैबीज न फैले। वन्यजीव के काटने से रैबीज फैलने का खतरा रहता है। यह घातक एवं जानलेवा होता है।
मुख्यमंत्री जी ने वन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रभावी रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित कर हिंसक वन्यजीवों को पकड़ा जाए। क्षेत्रों में तैनात टास्कफोर्स सक्रियता के साथ कार्य करते हुए लोगों को जागरूक करे और वन्यजीवों की समस्या पर अंकुश लगाए। विशेषज्ञों की और टीमें तैनात कर क्षेत्र को प्रत्येक दशा में वन्यजीवों की समस्या से मुक्त कराया जाए।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना, जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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