” ज़िंदगी “

1. कुछ ऐसे हादसे भी होते हैं ज़िंदगी में ऐ दोस्त ,

इंसान बच तो जाता है मगर ज़िंदा नहीं रहता !

2. छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको ,

ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है !

3. चंद खोटे सिक्के जो कभी चले नहीं बाजार में,

वो भी कमियाँ खोज रहे हैं मेरे किरदार में !

4. एक बात सीखी है रंगों से, अगर निखरना है

तो बिखरना ज़रूरी है !

5. अक्सर जिनकी हँसी खूबसूरत होती है,

वो ज़िंदगी में रोये भी बहुत होते हैं !

6. हज़ारों उलझने राहों में और कोशिशें बेहिसाब ,

इसी का नाम है ज़िंदगी, चलते रहिये जनाब !

7. समंदर न सही पर, एक नदी तो होनी चाहिये,

तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिये !

8. एक हादसा जरूर चाहिए ज़िंदगी में, सिर्फ बातों

से आज तक कोई नहीं सीखा है !

—- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार !

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