सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में तीन दिवसीय रंग कबीर महोत्सव का आयोजन
कबीर आज भी प्रासंगिक-धर्मवीर प्रजापति
भारत आदि-अनादि काल से ही विश्वगुरु-डॉ. रघुराज सिंह
लखनऊ: 12 सितंबर, 2025
मेरठः स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में भाषा विभाग, कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय, सुभारती विश्वविद्यालय, संत कबीर अकादमी (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) के संयुक्त तत्त्वावधान में रंग कबीरः संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक उत्सव का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन 11 से 13 सितम्बर 2025 तक तीन दिवसीय स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्विद्यालय, सुभारतीपुरम, मेरठ में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के उद्धाटन सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के होमगार्ड्स विभाग एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)धर्मवीर प्रजापति, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री उत्तर प्रदेश डॉ. रघुराज सिंह, संत कबीर अकादमी के निदेशक अतुल द्विवेदी, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़, कुलपति प्रोफे.(डॉ.) पी. के शर्मा के द्वारा पारंपरिक रुप से दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
जनजाति लोक संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी ने बताया कि इस महोत्सव के प्रथम दिन जहां व्कताओं ने अपने विचारों के माध्यम से कबीर के जीवन एवं उनकी शिक्षाओं पर चर्चा की वहीं राजेश जोशी लिखित एवं सुषमा शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक कहन कबीर की प्रस्तुति ने उपस्थित दर्शकों को कबीर के संपूर्ण जीवन एवं विचारों से परिचित कराया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में धर्मवीर प्रजापति, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) होमगार्ड्स विभाग एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि कबीरदास जी आज के युग में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने बिना जाति, धर्म, पंथ का भेद किए सभी को समभाव एवं समदृष्टि से देखा। उनके लिए सभी समान थे। उनके दोहे, एवं चौपाइयों में मानवीय मूल्यों एवं जीवन दर्शन की गहरी समझ मिलती है। कबीर के विचारों को यदि आज भी हम अपनाएं या उनके बताए रास्ते पर चलें तो जीवन को हम भी सुगम एवं सुखी बना सकते हैं।
वहीं विशिष्ट अतिथि डॉ. रघुराज सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि कबीरदास जी सच्चे संत थे उन्होंने कभी भी सांसारिक मोहमाया में अपने को नहीं फंसने दिया। उनके लिए राजा या रंक सब एक समान थे। उनके संपूर्ण जीवन से यही शिक्षा लेनी चाहिए कि सत्य और अपने विचारों के प्रति हमें निडर होकर अडिग रहना चाहिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.) पी.के. शर्मा ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य ही है शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता। यहां हम ना केवल अपने विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देते हैं बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए इस प्रकार कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं।
इस अवसर पर मंच कलाकारकृअरविन्द राय, दीपेन्द्र सिंह, राहुल यादव, अरुण शुक्ला, श्रेत्तिक श्रीवास्तव, अभिषेक शर्मा, प्रज्ञान राय, चंकी बच्चन, वर्षिता श्रीवास्तव, प्रशान्त वर्मा, टोनी सिंह, मो0 हमीद, आरती गुप्ता, एवं जगदीश गोंड, डॉ. शारदा कुमारी पाठक, पद्मजा राय, डॉ. ज्योति मिश्रा, डॉ. राजेश जोशी, सुशील कुमार राय, सुषमा शर्मा आदि के नाट्य प्रस्तुति कहन कबीर ने सभी को कबीरदास की वाणी एवं विचारों को जीवंत रुप में अनुभव कराया।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं कुलपति के द्वारा स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया।