“ड्राइविंग गवर्नेंस विथ डिजिटल टूल्स एंड टेक्नोलॉजीज़” कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ

लखनऊ: 08 सितम्बर, 2025

आज हिल्टन गार्डन इन, गोमती नगर, लखनऊ में “ड्राइविंग गवर्नेंस विथ डिजिटल टूल्स एंड टेक्नोलॉजीज़” कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा एनआईसी (छप्ब्) के विशेषज्ञों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का उद्घाटन ’मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार, आईएएस, अध्यक्ष, राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश’ ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में अपने 36 वर्षों के दीर्घ प्रशासनिक अनुभवों को साझा किया। श्री कुमार ने बताया कि कैसे विभिन्न जिम्मेदारियों के दौरान उन्होंने प्रशासनिक कार्यप्रणालियों में प्रयोग किए और नागरिक सेवाओं को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी कहा कि एनआईसी (छप्ब्) के साथ काम करना हमेशा सुखद और परिणामकारी अनुभव रहा है, क्योंकि एनआईसी की तकनीकी विशेषज्ञता ने शासन-प्रशासन को आधुनिक बनाने में निरंतर सहयोग दिया है।
उन्होंने डिजिटल उपकरणों और तकनीकों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज शासन व्यवस्था को अधिक कुशल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने का यही सबसे प्रभावी साधन है। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे नई तकनीकों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाएँ और प्रदेश को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँ।
इस अवसर पर ’विशिष्ट अतिथि श्री अनुराग यादव, आईएएस, प्रमुख सचिव, आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश’ ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में बताया और कहा कि नागरिकों तक सेवाएँ तेज़ी और सरलता से पहुँचाने के लिए तकनीकी नवाचार अनिवार्य है।
’विशिष्ट अतिथि श्री आलोक कुमार, आईएएस, प्रमुख सचिव: योजना एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन, उत्तर प्रदेश सरकार’ ने डेटा आधारित प्रशासन एवं योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग के महत्व पर बल दिया।
कार्यशाला का स्वागत भाषण ’श्री अषेष कुमार अग्रवाल, उप महानिदेशक एवं राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी, एनआईसी उत्तर प्रदेश’ ने दिया, जबकि उद्घाटन भाषण ’श्री इंदर पाल सिंह सेठी, उप महानिदेशक, एनआईसी, मुख्यालय नई दिल्ली’ द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का समापन अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन एवं हाई-टी के साथ हुआ।
यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश में ई-गवर्नेंस को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शासन-प्रशासन और एनआईसी के बीच तालमेल को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

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