” दौरे— ए– गज़ल “

बात  आई  है  ज़ुबाँ  पर  तो  उसे  आने  दो

प्यार  की  खुशबू  फ़िज़ाओं  में  बिखर  जाने  दो   !

प्यास  और  भी  बढ़ने  लगी    खामोशी     से ,

बात  इस  दिल  की  ज़ुबाँ  पर तो  आ   जाने  दो   !

टूट  जायेगा  फ़िज़ाओं  में  खामोशी  का   जादू  ,

मुस्कुरा  दो  ज़रा  ,  होठों  पे   हंसी   आने   दो    !

ऐसा  हो  जाए   जिसे  देख  घटायें   शरमाएं  ,

अपनी ज़ुल्फ़ों को बिखरती हैं, बिखर  जाने  दो   !

छेड़  दो  आज  कोई  ऐसी  गज़ल  ऐ  दोस्त  ,

कल का ग़म  आज  की खुशियों  में  बदल  जाने  दो   !

 

——-  राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे , महारास्ट्र  !

 

 

 

 

 

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