आज के डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति ने हमारी जिंदगी को जितना सरल बनाया है, उतनी ही तेजी से साइबर अपराधों का जाल भी फैला है। इन अपराधों में से एक आम और खतरनाक तरीका है कॉल के जरिए ठगी। इसमें अपराधी खुद को पुलिस, जज, बैंक अधिकारी या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे पैसे ठगते हैं।
कैसे होती है कॉल के जरिए ठगी?
1. धमकी भरी कॉल:
अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी या जज बताकर यह दावा करते हैं कि आपके खिलाफ कोई मामला दर्ज है। वे कहते हैं कि इसे सुलझाने के लिए तुरंत भुगतान करना होगा, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
2. बैंक अधिकारी बनकर धोखा:
अपराधी बैंक अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और यह दावा करते हैं कि आपकी बैंक डिटेल्स अपडेट नहीं हैं। वे OTP, कार्ड नंबर, या खाते की जानकारी मांगते हैं और फिर खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
3. लॉटरी या इनाम का लालच:
कॉलर आपको बड़े इनाम या लॉटरी जीतने का झांसा देता है और टैक्स या फीस के नाम पर पैसे मांगता है।
4. केवाईसी अपडेट का बहाना:
कॉलर कहता है कि अगर आपने तुरंत केवाईसी अपडेट नहीं किया, तो आपका बैंक खाता बंद हो जाएगा।
लोग क्यों फंस जाते हैं?
1. डर और दवाब:
पुलिस, जज, या सरकारी अधिकारी का नाम सुनकर लोग डर जाते हैं और तुरंत पैसा देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
2. जानकारी की कमी:
बहुत से लोग साइबर अपराधों के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते और आसानी से जाल में फंस जाते हैं।
3. लालच:
बड़े इनाम या लाभ का लालच देकर अपराधी लोगों को फंसा लेते हैं।
कैसे बचें कॉल के जरिए ठगी से?
1. जानकारी की पुष्टि करें:
किसी भी कॉल पर बिना पुष्टि के पैसे न भेजें। अगर कोई पुलिस या सरकारी अधिकारी होने का दावा करे, तो संबंधित विभाग से संपर्क करें।
2. बैंक डिटेल्स साझा न करें:
कोई भी बैंक या सरकारी संस्था फोन पर आपके निजी डिटेल्स नहीं मांगती। OTP या पासवर्ड कभी किसी को न बताएं।
3. ध्यान रखें:
अगर कॉल में इनाम या पैसा जीतने का दावा किया जाए, तो सतर्क रहें। बिना ठोस प्रमाण के किसी भी तरह की राशि का भुगतान न करें।
4. साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें:
ठगी के शिकार होने पर तुरंत साइबर क्राइम सेल या हेल्पलाइन नंबर (जैसे 1930) पर संपर्क करें।
निष्कर्ष
कॉल के जरिए ठगी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे सतर्क रहना बेहद जरूरी है। डर या लालच में आकर जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। जागरूकता ही इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान है।“आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है।
———- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे, महारास्ट्र !