आजकल युवा सोशल साइट्स के दिवाने हैं ! वे फेसबुक ,ट्वीटर, यू ट्यूब और अन्य सोशल साइट्स पर हमेशा एक्टिव रहते हैं लेकिन अमेरिका में हुए अनेक शोध बताते हैं कि किशोर और युवा इन सोशल साइट्स के चलते डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं ! इस डिप्रेशन को फेसबुक डिप्रेशन का नाम दिया गया है !
मनोचिकित्सकों का मानना है कि सोशल साइट्स की वजह से बच्चों और किशोरों में लगातार एक– दूसरे से आगे बढ़ने की भावना पैदा होती है और इसी वजह से डिप्रेशन के अलावा और भी कई सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं ! इसलिए किशोरों और बच्चों को इन साइट्स पर कम समय बिताने की सलाह दी जाती है ! दिलचस्प बात है कि सोशल साइट्स के जरिये लोग एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं लेकिन वास्तविक जीवन में उनमें अकेलापन बढ़ रहा है !
बात केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं है ! बड़े बुजुर्ग लोग और महिलाएं भी इन सोशल साइट्स की शिकार हो रही हैं ! नशा ऐसा फैल गया है कि कोई भी बिना इन सोशल साइट्स पर जाए, अपने को रोक नहीं पाता है ! सोशल साइट्स का ही तो सारा पसारा है ! सारे मनो रोग सोशल साइट्स का अधिक प्रयोग करने से हो रहे हैं ! आवश्यकता के अनुरूप तो प्रयोग किया जा सकता है लेकिन दीवानगी नहीं होनी चाहिये ! सभी को मनोरोग से बचने के लिए इन साइट्स का उपयोग कम से कम करने की जरूरत है !
———- राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे, महारास्ट्र !