स्टीफन जे कनेल पहली और चौथी कक्षा में फेल हो गए ! माँ स्टीफन को घंटों पढ़ाती लेकिन वह तब भी परीक्षा में फेल हो जाते ! स्टीफन को लगता कि वह मूर्ख है ! एक दिन माँ ने पाया कि उन्हें डिस्लेक्सिया की समस्या है ! माँ स्टीफन से बोली, बेटा एक बात हमेशा याद रखना कि लगातार मेहनत करने से हर समस्या का समाधान निकलता है ! माँ की बात सुनकर स्टीफन ने फुटबाल खेलना शुरू किया !
वह जब भी फुटबाल पर किक मारते तो स्वयं से कहते, हर समस्या मेरी किक से डर कर भाग रही है ! अंतर महाविद्यालय की प्रतियोगिता में फुटबाल के कारण स्टीफन की बहुत प्रंशसा हुई ! इसने स्टीफन के आत्मविश्वास को बहुत बढ़ाया ! इसके बाद उन्होंने पटकथाएँ लिखनी शुरू कर दीं ! उन्हें इस कार्य में सफलताएं मिलती रहीं और एक दिन उन्होंने अपना प्रोड़कसन स्टूडियो स्थापित कर लिया ! स्टीफन अपने व्यवसाय के शिखर पर पहुँच गए ! एक दिन ऐसा भी आया जब 2000 लोग उनके नीचे काम करने लगे ! इतना ही नहीं पटकथा लेखन, निर्माता और निर्देशक के बाद उन्होंने 11 उपन्यास भी लिखे ! वे उपन्यास बेस्ट सेलर रहे ! स्टीफन जे कनेल ने अपनी इच्छाशक्ति से साबित कर दिया कि हर समस्या पर विजय पाई जा सकती है , बस मन में, स्वयं पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए !
———– राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे !