रात को सोते समय 5 ग्राम ( एक चम्मच भर ) त्रिफला चूर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है ! अथवा त्रिफला व इसबगोल की भूसी दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से ले सकते हैं ! इससे कब्ज़ दूर होता है ! इसके सेवन से नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है !
सुबह पानी में 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण साफ मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दीजिये ! शाम को छानकर पी लीजिये ! शाम को उसी त्रिफला चूर्ण में पानी मिलाकर रख दीजिये ! इसे सुबह पी लीजिये ! इस पानी से आँखें भी धो लीजिये ! मुँह के छाले व आखों की जलन कुछ ही समय में ठीक हो जायेगी ! शाम को एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला भिगो दीजिये ! सुबह मसलकर नीतार कर इस जल से आँखों को धोने से नेत्रों की ज्योति बढ़ती है !
एक चम्मच बारीक त्रिफला चूर्ण, गाय का घी 10 ग्राम व शहद 5 ग्राम एक साथ मिलाकर नियमित सेवन करने से आँखों का मोतियाबिंद, काँचबिन्दु, दृष्टि दोष आदि नेत्ररोग् दूर होते हैं और बुढ़ापे तक आँखों की रोशनी अचल रहती है ! त्रिफला के चूर्ण को गोमूत्र के साथ लेने से अफ़ारा, उदर शूल, प्लीहा वृद्धि आदि अनेकों तरह के पेट के रोग ठीक हो जाते हैं !
————– राम कुमार दीक्षित, पत्रकार, पुणे !